चीन की सैन्य कंपनी अमेरिका में खोल रही अपनी शाखा

सांसदों का दावा है कि अमेरिका में काम कर रहीं चीन की ये बायोटेक कंपनियां चीनी सेना और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के उद्देश्यों के लिए ही काम कर रही हैं।

चीन की सैन्य कंपनी बीजीआई, अमेरिका के मैसाच्युसेट्स और केंटुकी में अपनी शाखाएं खोलने की कोशिश कर रही है। इस पर अमेरिकी सांसदों ने गहरी चिंता जताई है और आरोप लगाया है कि नियामक जांच से बचने के लिए चीन की सैन्य कंपनी ऐसा कर रही है। अमेरिकी सांसदों ने इसे लेकर रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन को पत्र लिखा है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से प्रतिस्पर्धा पर नजर रखने वाली अमेरिकी संसद की समिति के अध्यक्ष माइक गैलेघर और समिति के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने यह पत्र लिखा है।

चीन की बायोटेक कंपनियों पर नजर रखने की मांग
इस पत्र में अमेरिकी सांसदों ने अमेरिका में काम कर रही अन्य चीनी बायोटेक कंपनियों को लेकर भी चिंता जताई। सांसदों का दावा है कि अमेरिका में काम कर रहीं चीन की ये बायोटेक कंपनियां चीनी सेना और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के उद्देश्यों के लिए ही काम कर रही हैं। पत्र में अमेरिकी सांसदों ने रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से वित्तीय वर्ष 2024 के लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण कानून की धारा 1312 को लागू करने की अपील की और चीन की बायोटेक (जैव प्रौद्योगिकी) कंपनियों पर नजर रखने की भी मांग की है।

बायोटेक के क्षेत्र में दबदबा बनाना चाहती है चीनी सेना
अमेरिकी सांसदों माइक गैलेघर और राजा कृष्णमूर्ति ने पत्र में मांग की है कि पेंटागन अमेरिका में काम कर रहीं एमजीआई ग्रुप, कंप्लीट जीनोमिक्स, इनोमिक्स, स्टोमिक्स, ओरिजनसेल, वाजमे बायोटेक और एक्सबायो को चीनी सैन्य कंपनी के रूप में मान्यता दे। दावा किया जा रहा है कि एमजीआई ग्रुप और कंप्लीट जीनोमिक्स कंपनियां चीनी सेना की कंपनी बीजाआई की ही सहायक कंपनियां हैं। बीजीआई पर मानवाधिकार उत्पीड़न, गैरकानूनी तरीके से जैविक डाटा इकट्ठा करने जैसे गंभीर आरोप भी लगे हैं। सांसदों ने लिखा कि चीन की चौदहवी पंचवर्षीय योजना के तहत बायोटेक के क्षेत्र में चीनी सेना अपना प्रभुत्व जमाना चाहती है। चीनी सेना के एकेडमिक साहित्य के हवाले से अमेरिकी सांसदों ने दावा किया कि भविष्य में युद्ध के मैदान में दबदबे के लिए जैव प्रौद्योगिकी बेहद अहम होगी। इसके तहत बेहद खतरनाक जीवाणु बनाए जा सकते हैं। ऐसे में चीन की अमेरिका में काम कर रहीं बायोटेक कंपनियों की तुरंत पहचान करने की जरूरत है।

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